हरियाणा के मुख्यमंत्री ने की एचएसवीपी प्लॉट आवंटियों के लिए ‘विवादों का समाधान’ योजना की घोषणा की

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को राज्य की शहरी नियोजन एजेंसी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के प्लॉट आवंटियों के लिए वृद्धि बकाया से संबंधित लंबित मामलों को निपटाने के लिए विवादों का समाधान योजना शुरू करने की घोषणा की. ये योजना गुरु नानक देव की जयंती 15 नवंबर से लागू होगी और छह महीने तक लागू रहेगी.

एचएसवीपी की 127वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लॉट आवंटियों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना चाहिए और वृद्धि के अलावा अन्य लंबित मामलों को भी जल्द से जल्द निपटाया जाना चाहिए, एक आधिकारिक बयान के अनुसार. अधिकारियों ने बैठक में बताया कि इसी तरह की एक योजना पहले भी शुरू की गई थी, जिससे 40,762 डिफॉल्ट आवंटियों को लाभ मिला था, जिन्हें लगभग 1,560 करोड़ रुपये की संयुक्त राहत मिली थी.

कहा गया है कि विवाद समाधान योजना 15 नवंबर से फिर शुरू की जा रही है, जिसमें करीब 7,000 से अधिक आवंटियों को लाभ उठाने का अवसर मिलेगा. बैठक के दौरान एचएसवीपी के प्लॉट आवंटियों को किसी कारण से कब्जा प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर चर्चा की गई. इस पर आवश्यक निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लॉट आवंटियों को एक और अवसर दिया जाए, ताकि वे प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकें.

इसके लिए प्राधिकरण द्वारा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और अब ऐसे प्लॉट आवंटी, जिन्हें अभी तक कब्जा प्रमाण पत्र नहीं मिला है, वे 31 मार्च, 2025 तक आवेदन कर सकते हैं. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अब गिफ्ट डीड के आधार पर प्लॉटों के हस्तांतरण की अनुमति दी जाएगी. एचएसवीपी द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार पहले केवल पंजीकृत बिक्री विलेखों पर ही प्लॉटों के हस्तांतरण की अनुमति थी.

हालांकि, प्राधिकरण द्वारा प्लॉट की रजिस्ट्री की अनुमति दी गई थी, लेकिन कई मामले सामने आए हैं जहां गिफ्ट डीड के कारण प्लॉट का हस्तांतरण नहीं हो सका. बयान में कहा गया है कि एचएसवीपी ने अब नीति में संशोधन किया है और ऐसे लोगों को राहत देने के लिए बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे संबंधित आवंटियों को 31 दिसंबर 2024 तक का अवसर दिया जाएगा, ताकि वे अपने भूखंडों को स्थानांतरित करवा सकें. बयान में कहा गया है कि दी गई तिथि के बाद ऐसे किसी भी मामले पर विचार नहीं किया जाएगा. इस निर्णय से पुराने आवंटियों को काफी लाभ होगा.

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