प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पानीपत में एलआईसी की ‘बीमा सखी योजना’ का उद्घाटन किया. उन्होंने इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया. यहां पीएम नरेंद्र मोदी ने खास तौर पर कहा कि हरियाणा ने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के नारे को जिस तरह अपनाया है, वह वाकई काबिलेतारीफ है. उन्होंने इसे देश के लिए एक उदाहरण भी बताया. साथ ही कहा कि ‘बीमा सखी’, ‘बैंक सखी’, ‘कृषि सखी’, ‘पशु सखी’, ‘ड्रोन दीदी’, ‘लखपति दीदी’ – ये नाम भले ही साधारण और सामान्य लगें, लेकिन ये देश की किस्मत बदल रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने पानीपत से वर्चुअल माध्यम से बटन दबाकर करनाल के महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय परिसर में निर्माण का शिलान्यास भी किया. उन्होंने कहा कि हरियाणा ने “एक है तो सेफ है” के मंत्र को जिस तरह अपनाया है, वह देश में उदाहरण बना है. उन्होंने आगे कहा कि नारी को सशक्त करने के लिए बहुत आवश्यक है कि उन्हें आगे बढ़ने के खूब अवसर मिलें, उनके सामने से हर बाधा हटे. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार को बने अभी कुछ सप्ताह ही हुए हैं, लेकिन तारीफ पूरे देश में हो रही है. सरकार बनते ही यहां बिना किसी लागत या सिफारिश के हजारों युवाओं को स्थाई नौकरी मिली है और यह देश ने देखा है.
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान सभी माताओं-बहनों ने नारा लगाया था कि ‘म्हारा हरियाणा, नॉनस्टॉप हरियाणा.’ हमारी सरकार ने बीते 10 सालों में नारी सशक्तिकरण के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं. आज हरियाणा के पानीपत में बीमा सखी योजना का शुभारंभ और विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास करते हुए मुझे खुशी हो रही है. कई बार जब हम किसी खिलाड़ी को पदक जीतने के बाद गर्व से बोलते हुए सुनते हैं, तो हम भूल जाते हैं कि उस खिलाड़ी ने, उस बेटी ने इसे हासिल करने के लिए वर्षों की कड़ी मेहनत की है. जब कोई एवरेस्ट पर तिरंगे के साथ फोटो लेता है तो हम भूल जाते हैं कि उस व्यक्ति को शिखर तक पहुंचने में कितने वर्षों का संघर्ष करना पड़ा था. आज ‘बीमा सखी योजना’ का शुभारंभ भी वर्षों की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
उन्होंने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी अधिकतर महिलाओं के बैंक खाते नहीं थे. उनकी सरकार ने सबसे पहले माताओं-बहनों के जनधन बैंक खाते खुलवाए. आज गर्व है कि 30 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते खुल गए. आज जनधन बैंक खाते न होते तो गैस सब्सिडी के पैसे महिलाओं के खाते में न आते. रेहड़ी लगाने वाली महिलाओं के लिए बैंक के दरवाजे हमेशा बंद रहते हैं. गांव-गांव में बैंकिंग सुविधा पहुंचाने में हमारी बहनों ने भूमिका निभाई है. जिनके बैंक खाते नहीं थे, वे अब बैंक सखी बनने जा रही हैं.