भजनलाल सरकार के 1 साल पूरा होने के मौके पर 17 दिसंबर को जयपुर में बड़ा जश्न मनाया जाएगा. जयपुर के दादिया में होने वाले इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे. प्रधानमंत्री की इस सभा को भव्य बनाने में बीजेपी संगठन भीड़ जुटाने में जुटा है. वहीं, हर जिले का प्रशासनिक अमला भी तैयारियों में लगा हुआ है. जनसभा में भीड़ जुटाने सहित तमाम तरह की व्यवस्था के लिए मंत्री, विधायक और पदाधिकारी सहित प्रशासनिक महकमा लगा हुआ है. इस कार्यक्रम को सरकारी आयोजन का रूप दिया जा रहा है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को भी शामिल किया जाएगा. दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को सुनने के लिए 3 लाख से ज्यादा लोग पहुंचेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेशवासियों को 1 लाख करोड़ से अधिक की बड़ी सौगात देने जा रहे हैं. इसमें प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट’ (PKC-ERCP) के पहले चरण का शिलान्यास किया जाएगा. इस परियोजना से मध्य प्रदेश और राजस्थान में जल संकट कम होने की उम्मीद है.
एमपीकेसी लिंक परियोजना में प्रमुख नदियां शामिल हैं, जैसे चंबल और इसकी सहायक नदियां- पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज नदी. इस परियोजना की परिकल्पना राजस्थान के झालावाड़, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, गंगापुर, दौसा, करौली, भरतपुर, अलवर समेत 21 नवगठित जिलों को पानी उपलब्ध कराने के लिए की गई है. यह परियोजना पेयजल आपूर्ति, सिंचाई और औद्योगिक जल की मांग को पूरा करने जैसे विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करेगी.
राजस्थान सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जयपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का लोकार्पण करेंगे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत केंद्रीय व राज्य मंत्री उपस्थित रहेंगे. प्रधानमंत्री इस बांध के साथ-साथ ईआरसीपी के तहत 21 जिलों में पानी पहुंचाने की योजना के लिए भी आधारशिला रखेंगे.
नोनेरा एबरा बांध ईआरसीपी योजना का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस बांध का निर्माण 601 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है. इसका उद्देश्य 37,500 करोड़ रुपये की इस परियोजना के माध्यम से 21 जिलों की पेयजल और सिंचाई जरूरतों को पूरा करना है. इस योजना से करीब 62 लाख लोगों को पीने का पानी और 2 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराया जाएगा.
इस मानसून सत्र में बांध के जलभराव की टेस्टिंग पूरी की गई. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जलसंसाधन विभाग को बांध सौंप दिया गया है. अब इसके जरिए जल आपूर्ति की योजनाओं को तेजी से अमल में लाया जाएगा. नोनेरा एबरा बांध के उद्घाटन से राजस्थान के 21 जिलों के लाखों लोगों के लिए यह दिन ऐतिहासिक साबित होगा. इस परियोजना से प्रदेश के जल संकट का समाधान और कृषि क्षेत्र को नई ऊर्जा मिलेगी.