महात्मा गांधी सेवा प्रेरक की जगह भजनलाल सरकार लाएगी अटल प्रेरक योजना, सुशासन दिवस पर सीएम ने की ये बड़ी घोषणा

महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों को हटाने को लेकर काफी किरकिरी झेल चुकी राज्य की भजनलाल सरकार अब उसे नए रूप में लागू करने जा रही है. महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की जगह अब राज्य सरकार सभी ग्राम पंचायतों में अटल प्रेरक के रूप में युवाओं को नियुक्ति देगी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की शताब्दी जयंती यानी सुशासन दिवस के मौके पर बुधवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस संगोष्ठी में शामिल हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसकी घोषणा की. साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायतों में अटल ज्ञान सेवा केंद्र खोले जाने की भी बात कही. इसके तहत लाइब्रेरी और ई लाइब्रेरी की खोली जाएगी. इस योजना को लागू करने पर राज्य सरकार पर 5.50 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर सीएम भजनलाल शर्मा ने घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश की साढ़े 11 हजार ग्राम पंचायतों में अटल प्रेरक लगाए जाएंगे. सीएम ने कहा कि आज अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी है. इस दिन को हम सुशासन दिवस के रूप में मना रहे हैं. इस दौरान उन्होंने हर ग्राम पंचायत में चरणबद्ध तरीके से अटल सेवा केंद्र खोलने की घोषणा की. साथ ही कहा कि इसके खुलने से युवाओं को अधिक अवसर मिलेंगे.

सीएम ने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी अक्सर ग्रामीण क्षेत्र की बात करते थे. ऐसे में हम ग्राम से सुशासन की शुरुआत करने जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण जनता अधिक से अधिक लाभान्वित हो सके और उन्हें कहीं दूसरे केंद्र पर जाने की जरूरत न हो. उन्होंने इन्हीं सभी उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए अटल ज्ञान केंद्र की स्थापना की है. साथ ही अटल कंप्यूटर केंद्र के नाम से लाइब्रेरी और ई लाइब्रेरी की व्यवस्था की होगी.

सीएम ने कहा कि यह बहुत बड़ी योजना है. इसमें 5.50 करोड़ का खर्च आएगा. इन ज्ञान केंद्रों पर युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए लाइब्रेरी और ई लाइब्रेरी की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा प्रशिक्षण और काउंसलिंग की भी सुविधा मुहैया कराई जाएगी.

बता दें कि आज से ठीक एक साल पहले भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार द्वारा 50 हजार पदों पर निकाली गई महात्मा गांधी सेवा प्रेरक भर्ती को रद्द कर दिया था. उस समय प्रदेश की भजनलाल सरकार को काफी किरकिरी झेलनी पड़ी थी. ऐसे में अब सरकार इस योजना का नाम बदलकर नए सिरे से इसे लागू कर रही है. हालांकि, ये अलग बात है कि पहले 50 हजार पदों पर भर्ती होनी थी, लेकिन अब महज साढ़े 11 हजार पदों पर भर्ती होगी.

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