महाकुंभ का महा अमृत स्नान कल, अभी से ही प्रयागराज में उमड़ा जनसैलाब, 10 करोड़ लोग लगाएंगे पुण्य की डुबकी

उत्तर प्रदेश: महाकुंभ 2025 के सबसे बड़े अमृत स्नान मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज में लाखों श्रद्धालुओं का रेला चला आ रहा है. संगमनगरी की सभी सड़कें फुल हो चुकी हैं. सभी आश्रय स्थल, होटल भर चुके हैं. पूरा संगम क्षेत्र अट-पट सा गया है. ड्रोन की जो तस्वीरें हैं, उसमें संगम नोज पर तिल रखने की जगह नहीं बची है. भीड़ को देखते हुए लेटे हनुमान मंदिर में भी दर्शन–पूजन बंद कर दिया गया है.

प्रशासन ने 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद के हिसाब से अपनी तैयारियों को मुकम्मल करने में देर रात तक बैठकें कीं. इतनी अपार भीड़ देखकर प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए हैं. लगातार ट्रेनों-बसों और अपने साथनों से आ रही भीड़ को होल्डिंग एरिया में रोकना पड़ रहा है. पुलिस की टीम लगातार एनाउंसमेंट कर रही है. भीड़ न लगाने की अपील कर रही है. जल, थल और नभ से सुरक्षा घेरा अभेद्य कर दिया गया है. एआई कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही है.

महाकुंभ में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

महाकुंभ 2025 में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के मौनी अमावस्या पर आने का अनुमान है. प्रशासन ने भी 1 लाख सुरक्षाकर्मी मेले में लगाए हैं. महाकुंभ में सुरक्षा व्यस्था चाक चौबंद कर दी गई है. NSG, ATS जैसी सुरक्षा एजेंसियों ने अपना मोर्चा संभाल लिया है. 25 जनवरी रात 8 बजे से ही महाकुंभ क्षेत्र में वाहनों की एंट्री बैन कर दी गई है. सारे पास निरस्त कर दिए गए हैं. 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और 3 फरवरी को वसंत पंचमी के अमृत स्नान के कारण महाकुंभ क्षेत्र में 5 फरवरी तक वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. श्रद्धालुओं को 7 प्रमुख रूट्स पर निर्धारित किए गए पार्किंग स्थलों में ही वाहन खड़े करने होंगे. वहां से शटल बसों से महाकुंभ के नजदीक तक या पैदल आना होगा.

अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं और आपको संगम स्नान के लिए आना है तो स्टेशन से उतरकर आप फ्री सेवा में चलाई गईं परिवहन निगम की शटल बसों का प्रयोग कर संगम क्षेत्र के नजदीक तक आ सकते हैं. वहां से आप पैदल चलकर संगम क्षेत्र में स्नान के लिए जा सकते हैं. शटल बसें आपको संगम क्षेत्र के 3 से 5 किलोमीटर दायरे में छोड़ देंगी. इसके बाद आप पैदल चलकर संगम में महास्नान कर सकते हैं. इस स्टॉप पर भी आपके लिए शटल बसों की सुविधा दी गई है. 500 शटल बसें श्रद्धालुओं को संगम के नजदीक तक चलाने के लिए ही लगाई गई हैं. सड़कों परज्यादा भीड़ बढ़ने पर शटल बसों का संचालन भी बंद हो सकता है. अगर ऐसी स्थिति आती है तो आप यह मान कर चलिए कि आपको 15 से 20 किलोमीटर पैदल चलने के बाद ही संगम में अमृत स्नान करने का सौभाग्य मिलेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *