लखनऊ विश्वविद्यालय का स्वायत्तशासी सहयुक्त महाविद्यालय सी०पी०ई एवं नैक द्वारा ग्रेड ‘ए’ मूल्यांकित

वाणिज्य विभाग ने 5 फरवरी, 2025 को सुबह 11 बजे नेशनल पीजी कॉलेज परिसर के सभागार में “केंद्रीय बजट 2025: विकसित भारत के लिए आर्थिक ब्लू प्रिंट” शीर्षक पर एक बजट सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन का उ‌द्घाटन विशेषज्ञों के एक प्रतिनिधिमंडल और प्राचार्य प्रो. देवेन्द्र कुमार सिंह ने माँ सरस्वती का माल्यार्पण करके किया। कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ सीए (डॉ.) अतुल मोहन, वरिष्ठ पत्रकार श्री राज कुमार सिंह, सुश्री पूजा रमन, वित्त विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार और शिक्षाविद, लेखक और करियर काउंसलर डॉ. विशाल सक्सेना सहित अतिथियों के एक पैनल के अभिनंदन से हुई।

प्राचार्य डॉ. देवेन्द्र प्रताप सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में बजट के इतिहास को कौटिल्य के अर्थशास्त्र से जोड़कर बताया। उन्होंने प्राचीन काल में कराधान की पद्धति के बारे में विस्तार से बताया। सी०ए० (डॉ.) अतुल मोहन ने आयकर, उसकी वसूली और अनुपालन तंत्र की बारीकियों को समझाया और इस विषय को इस बात से जोड़ा कि देश कराधान तंत्र के माध्यम से कैसे विकसित भारत के प्रभाव को प्राप्त करेगा। उन्होंने छात्रों को विकास और प्रसन्नता सूचकांक के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया।

सुश्री पूजा रमन ने एक बहुत ही संवादात्मक सत्र में बताया कि सरकार का बजट कैसे तैयार किया जाता है। उन्होंने विभिन्न योजनाओं और विकसित भारत में उनकी प्रासंगिकता के बारे में बताया। डॉ. विशाल सक्सेना ने अपने भाषण में बचत के वित्तीयकरण पर चर्चा की, बजट 2025 से लाभान्वित होने वाले क्षेत्रों, दीर्घकालिक निवेशकों के लिए अवसरों और आर्थिक विकास में युवाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ पत्रकार श्री राज कुमार सिंह ने अपने विचार साझा किए कि बजट 2025 किस तरह से मध्यम वर्ग को वास्तविक रूप से लाभ पहुंचाएगा। उनके विचार-विमर्श में आम आदमी की भावनाओं को भी शामिल किया गया।

कार्यक्रम में डॉ. नीरज आर्य द्वारा छात्र प्रश्नोत्तरी रोचक रही तथा सत्र का समापन वाणिज्य विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. ज्योति भार्गव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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