यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे, जहां उन्होंने यमकेश्वर स्थित गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय किसान मेले का उद्घाटन किया। किसान मेले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया और आधुनिक कृषि तकनीकों को करीब से देखा। उन्होंने किसानों और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्नत खेती, बागवानी, बकरी पालन, कुकुक्ट पालन और सब्जी उत्पान उत्पादन की सलाह दी है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में बकरी पालन और कुक्कुट पालन को बढ़ावा देने पर जोर दिया और कहा कि यह किसानों के लिए एक बेहतर आय का स्रोत बन सकता है। उन्होंने बताया कि इस किसान मेले में कुछ किसानों को बकरी और उन्नत बीज भी उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि, “बकरी का दूध फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों को कम करने में सहायक होता है और इससे किसान आर्थिक रूप से भी मजबूत हो सकते हैं।
सीएम योगी ने स्थानीय किसानों से अपील की कि वे अपनी मूल कृषि परंपराओं को न छोड़ें। उन्होंने कहा, उत्तराखंड में खेती योग्य भूमि बंजर होती जा रही है, जिसे बागवानी और सब्जी उत्पादन के माध्यम से पुनः उपजाऊ बनाया जा सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर किसान अपनी जमीन का सही उपयोग करें और कृषि विश्वविद्यालयों तथा अन्य संस्थानों की मदद से आधुनिक तकनीकों को अपनाएं, तो वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
सीएम योगी ने “लोकल फॉर वोकल” अभियान पर जोर देते हुए कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर ही हम आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा, उत्तराखंड को जल संरक्षण, वेलनेस सेंटर और आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक प्रगति करनी चाहिए। उन्होंने नशामुक्त समाज की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को पूरी तरह नशामुक्त करने के लिए व्यापक अभियान चलाए जाने चाहिए।
सीएम योगी ने उत्तराखंड के गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, 1960 में उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत के नाम पर इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी, जब देश में खाद्यान्न संकट था। इस विश्वविद्यालय ने हरित क्रांति को बढ़ावा देकर देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया। योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी की अन्न योजना का जिक्र करते हुए, बताया कि आज 80 करोड़ से अधिक लोगों को सरकार मुफ्त राशन उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि, “खाद्यान्न सुरक्षा से बड़ी कोई गारंटी इस दुनिया में नहीं हो सकती।”