गाजियाबाद: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोग त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं. संगम के पवित्र जल में अब तक करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की कारागारों में निरुद्ध बंदियों को त्रिवेणी संगम प्रयागराज से लाए गए पवित्र जल से कुंभ-स्नान कराया गया. जिला कारागार गाजियाबाद और नोएडा में बड़ी संख्या में निरुद्ध बंदियों ने त्रिवेणी संगम के पवित्र जल से कुंभ स्नान किया. इसके लिए जेल प्रशासन द्वारा तमाम व्यवस्था की गई थी.
जेल प्रशासन की यह पहल जेल सुधार और बंदियों के मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इस आयोजन से कैदियों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतोष की अनुभूति हुई. जो उनके व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव ला सकती है. जिला कारागार गाजियाबाद पर त्रिवेणी संगम प्रयागराज से लाए गए पवित्र गंगाजल को डीआईजी जेल सुभाष चन्द्र शाक्य द्वारा कारागार पर बंदियों द्वारा बनाए गए कुंभ कलश में मिलाकार और पूजन के पश्चात् पवित्र जल से जेल के अंदर निरुद्ध बंदियों द्वारा हर्षोल्लास के साथ कुंभ स्नान किया गया.

डीआईजी जेल सुभाष चन्द्र शाक्य ने कहा कि जेल मंत्री द्वारा निर्णय लिया गया था कि प्रदेश की विभिन्न जिलों में आस्था को ध्यान में रखते हुए उनको संगम के जल से आचमन कराया जाए. जेल मंत्री की इस पहल से निरुद्ध बंदियों में आध्यात्मिक चेतना का उदय होगा. साथ ही मानसिक रूप से शांति का अनुभव होगा. बता दें कि जेल अधीक्षक द्वारा प्रयागराज से संगम का जल लाया गया था. जेल परिसर में कुंड बनाया गया. बंदियों ने जेल प्रशासन के इस प्रयास को सराहा है. वहीं, जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि बंदियों द्वारा भजन-कीर्तन भी किया गया. स्नान के बाद कैदियों ने जय गंगा मैया, हर-हर महादेव और त्रिवेणी संगम नमामि गंगे के जयकारे भी लगाए.
गौतम बुद्ध नगर की जिला कारागार लुक्सर जेल के अधीक्षक बृजेश सिंह ने बताया कि यूपी के सीएम और जिला कारागार मंत्री के निर्देशों पर लुक्सर जेल में शुक्रवार को महाकुंभ से लाए गए पावन जल से बंदियों को स्नान कराया गया. इसके लिए जिला कारागार गौतम बुद्ध नगर के अधिकारियों द्वारा विशेष तैयारी कर त्रिवेणी संगम का पावन जल कारागार पर लाए गए. वहीं, पूर्ण विधि विधान के साथ त्रिवेणी संगम से लाए गए पवित्र जल को कलश में भरकर मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना करते हुए सर्वप्रथम कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें 11 विद्वान पंडित और बंदी साथ में समस्त बैरकों में गए. जेल में जब कलश यात्रा निकाली जा रही थी तो बंदियों के द्वारा पुष्प वर्षा की गई. इसके पश्चात जल कुंड के पानी में पवित्र जल मिलाकर संपूर्ण पानी को अमृत में किया गया. इसके बाद बंदियों ने पूर्ण उत्साह व श्रद्धा के साथ संगम के पवित्र जल से स्नान किया.