मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य स्तरीय संपूर्णता अभियान सम्मान समारोह में शिरकत की

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अल्पकालिक योजनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि तीन-चार साल के लिए बनने वाली योजनाएं जब तक शुरू होती है, तब तक आवश्यकताएं कई गुना बढ़ जाती हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि योजनाएं 25-30 साल के दृष्टिकोण के साथ बननी चाहिए, ताकि समावेशी विकास हो सके. एचसीएम रीपा में सोमवार को आयोजित राज्य स्तरीय संपूर्णता अभियान सम्मान समारोह में सीएम शर्मा ने कहा कि विभागों के बीच समन्वय की कमी से कार्यों में बिखराव होता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले सड़क बनती है, फिर दूसरे काम के लिए उसे खोद दिया जाता है, यदि सड़क बनाने से पहले पाइपलाइन और नाली का ख्याल रख लिया जाए, तो बार-बार सड़क तोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि समावेशी विकास तभी संभव है, जब सभी विभाग आपसी सामंजस्य से काम करें. उन्होंने सुझाव दिया कि योजनाएं बनाते समय सभी विभागों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में क्षेत्रीय विषमताएं दूर कर पिछड़े जिलों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए जनवरी 2018 में आशान्वित जिला कार्यक्रम प्रारंभ किया था. इस कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित जिलों में स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन व कौशल विकास तथा बुनियादी ढांचे जैसे पांच महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के बारां, जैसलमेर, धौलपुर, करौली और सिरोही जिलों को इसमें सम्मिलित किया गया है. इसी प्रकार वर्ष 2023 में प्रारम्भ हुए आशान्वित ब्लॉक कार्यक्रम में राजस्थान के 27 ब्लॉकों को शामिल किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन जिलों और ब्लॉक ने नीति आयोग द्वारा निर्धारित विभिन्न मानकों पर अच्छी प्रगति की है. इन कार्यक्रमों के तहत देशभर में सुशासन, समावेशी विकास और अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए जुलाई से सितंबर 2024 तक संपूर्णता अभियान चलाया गया, जिसे अभूतपूर्व सफलता मिली है.

सीएम ने कहा कि गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना के तहत राज्य के प्रत्येक जिले से एक ब्लॉक का चयन किया गया है. प्रदेशभर में कुल 41 आकांक्षी ब्लॉकों में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, कृषि एवं संबद्ध सेवाएं, आधारभूत संरचना, कौशल विकास एवं सामाजिक विकास जैसे क्षेत्रों में नवाचारों को बढ़ावा देकर उन्हें विकसित ब्लॉकों की श्रेणी में लाने का संकल्प लिया गया है. मुख्यमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना, बाबा साहेब अंबेडकर आदर्श ग्राम विकास योजना, गोविंद गुरु जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजना और पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़े की विशेषताओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि ये योजनाएं और कार्यक्रम सामाजिक तथा आर्थिक उत्थान करते हुए अंत्योदय के संकल्प को साकार कर रहे हैं.

सीएम शर्मा ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक समृद्धि, सतत विकास तथा समावेशी प्रगति को केंद्र में रखते हुए राज्य सरकार ‘विकसित राजस्थान/2047’ विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर रही है. उन्होंने कहा कि इस डॉक्यूमेंट में भविष्य की जनसंख्या के अनुरूप दीर्घकालीन योजनाओं को समाहित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हरियालो राजस्थान महाअभियान की पहल की है. यह पहल जनसहभागिता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के साथ भावनात्मक जुड़ाव पैदा कर रही है. उन्होंने कहा कि हरियाली तीज पर्व पर प्रदेशभर में ढाई करोड़ पौधरोपण कर रिकॉर्ड बनाया है. इस वर्ष राज्य सरकार ने 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

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