राजस्थान बीजेपी में मच रही हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है. पार्टी के कई बड़े नेताओं के दिल्ली दौरे के बाद अब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की खबरों के सियासी मायने निकाले जा ही रहे थे की मंगलवार को सुबह मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की. पीएम मोदी से संसद भवन परिसर में हुई मुलाकात के बाद नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है. इन मुलाकातों का ब्यौरा अभी तक बाहर नहीं आया है, लेकिन इससे सूबे की बीजेपी की सियासत में अच्छी खासी हलचल हो गई है. हालांकि सीएम भजन लाल के पीएम मोदी की मुलाकात की फोटो प्रधानमंत्री कार्यालय के सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की गई. तकरीबन चालीस मिनट चली इस मीटिंग में प्रदेश की विकास योजनाओं, संगठनात्मक फीडबैक और हालिया घटनाओं पर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद जर्जर स्कूल भवनों के सुधार, संसाधन आवंटन और राज्य सरकार की आगामी प्राथमिकताओं की जानकारी प्रधानमंत्री को दी.
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के पोस्ट में लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उनके दूरदर्शी नेतृत्व एवं निरंतर सहयोग के लिए राजस्थान की ओर से आभार व्यक्त किया. पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 सालों में भारत ने नई ऊंचाइयों को छूते हुए विश्व पटल पर अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्वयं को स्थापित किया है.
उनके कुशल मार्गदर्शन में पिछले डेढ़ वर्ष से राजस्थान निरंतर विकास की सभी बाधाओं को पार करता जा रहा है और नई ऊंचाइयां छू रहा है. हमारी डबल इंजन की सरकार लगातार राजस्थान को एक आदर्श राज्य बनाने की दिशा में कार्य कर रही है, जहां प्रत्येक किसान, युवा, महिला, गरीब और वंचित वर्ग को न्याय मिल रहा है और वे अपनी पूर्ण क्षमता के साथ सम्मान युक्त जीवन जी रहे है. पीएम ने आने वाले समय में राजस्थान को और अधिक सहयोग देने का आश्वासन दिया है, जिसके लिए उसके समस्त राजस्थान वासियों की ओर से कोटिशः आभार!’
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. संसद भवन में हुई उनकी यह मुलाकात करीब 20 मिनट तक चली. बताया जा रहा है कि उसके बाद राजे ने गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की. राजनीति के जानकार बताते हैं कि ‘शिष्टाचार भेंट’ के बहाने पार्टी में किसी बड़े लक्ष्य पर काम किया जा रहा है. क्या यह लक्ष्य राजस्थान की राजनीति को लेकर है ? क्या यह देश के नए उपराष्ट्रपति को लेकर फीडबैक प्रोग्राम है या फिर कोई तीसरी कहानी. इस पर से अभी तक पर्दा नहीं उठा है.
हालांकि सरकार के गठन के बाद राजे समय-समय पर तेवर दिखाती रहीं हैं. कई कार्यक्रमों में राजे ने इशारों ही इशारों में कई बड़े सियासी तीर चलाए हैं. वे अच्छे खासे चर्चा में भी रहे हैं, लेकिन उन पर कभी किसी ने पलटवार करने का साहस नहीं किया. इससे साफ जाहिर है कि राजे की दबदबा आज भी बरकरार है. पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने बीते दिनों सीएम भजनलाल शर्मा के खिलाफ दिल्ली में सियासी षडयंत्र को लेकर बड़ा बयान दिया था. लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उसे ‘उकसावे की राजनीति’ करार दिया था.