सत्ता के लालची लोगों ने तुष्टिकरण और स्वार्थ की राजनीति के चलते किया विभाजन: सीएम भजनलाल शर्मा

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के बहाने भाजपा कांग्रेस को निशाने पर ले रही है. अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिये भाजपा आमजन तक विभाजन की कहानी और उससे प्रताड़ित हुए लोगों के दर्द को लेकर जा रही है. इसी कड़ी में मंगलवार को बिड़ला आडिटोरियम में शहर भाजपा की ओर से विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस संगोष्ठी आयोजित की गई. इस संगोष्ठी में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सत्ता के लालची लोगों ने तुष्टिकरण और स्वार्थ की राजनीति के चलते देश का विभाजन किया.

सीएम ने विभाजन को दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी बताते हुए कहा कि आजादी से ठीक पहले 10 लाख लोगों की हत्या हुई, लाखों परिवार उजड़ गए. देश की आजादी के लिए महान पुरुषों ने खुद को समर्पित किया, लेकिन सत्ता का लालच और तुष्टिकरण की राजनीति ने देश को बांट दिया. जिन लोगों ने हमेशा स्वार्थ और लालच की राजनीति की, उन लोगों के कारण हमारे देश को विभाजन का दंश झेलना पड़ा. पाकिस्तान से जो ट्रेनें आती थीं, वे लाशों से भरी होती थीं. यह विभाजन की भयावहता को दर्शाया है.

उन्होंने कहा कि यह केवल भूतकाल की पीड़ा नहीं है, बल्कि आज भी पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं के साथ अन्याय हो रहा है. पाकिस्तान से विस्थापितों को नागरिकता देने का दायित्व जिनकी सरकारों पर था, वे असफल रहीं. जिस कांग्रेस ने सत्ता सुख के लिए लाखों लोगों की कुर्बानी कर दी थी, आज वही कांग्रेस हमें एकता का पाठ पढ़ा रही है. जिस कांग्रेस ने इस देश को बांटा, वो कभी देश संभाल नहीं सकती, जिसने इस देश को तोड़ा, वो लोगों को कभी जोड़ नहीं सकती. आजादी के कई दशकों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने यह जिम्मेदारी निभाई है और पीड़ितों को नागरिकता देने की प्रक्रिया को पूरा किया.

कार्यक्रम के प्रदेश संयोजक अशोक परनामी ने कहा ​कि 1947 में देश के विभाजन के समय पाकिस्तान से भारत आए लोगों ने जो कष्ट झेले, उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता. धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना, बेटियों के साथ अन्याय और अत्याचार करना, विस्थापितों की पीड़ा सुनकर आज भी रूह कांप जाती है. परनामी ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम से पीड़ितों को न्याय दिलाया गया.
परनामी ने विभाजन के लिए कांग्रेस और गांधी परिवार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह मजबूरी नहीं बल्कि सत्ता का लोभ और कांग्रेस की मंजूरी का परिणाम था. यदि सत्ता सरदार वल्लभ भाई पटेल के हाथों में होती, तो देश का विभाजन टल सकता था. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं को संपत्ति मुआवजा न देने का भी आरोप लगाया. परनामी ने कहा ​कि पाक से आने वाला प्रत्येक हिन्दू शरणार्थी नहीं, पुरुषार्थी है. उन्होंने 15 अगस्त से एक दिन पहले 14 अगस्त को देशभर में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने के फैसले के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद दिया.

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