पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार (28 अगस्त) को कहा कि उन्होंने, उनकी पूरी कैबिनेट ने और आम आदमी पार्टी (AAP) के सभी विधायकों ने राज्य में बाढ़ राहत कार्यों के लिए एक महीने का वेतन दान करने का फैसला किया है. भगवंत मान ने बताया कि प्रकृति के प्रकोप से पंजाब को काफी नुकसान हुआ है और यह ऐसा समय है जब सभी पंजाबियों को एक-दूसरे का समर्थन करने के लिए एकजुट होना चाहिए.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि वह अपने मंत्रियों और आप विधायकों के साथ बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए एक महीने का वेतन दे रहे हैं. राज्य सरकार और प्रशासन इस संकट की घड़ी में लोगों की मदद के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
बता दें, पंजाब के कई जिलों में भीषण बाढ़ की स्थिति है, जहां सतलुज, व्यास और रावी नदियां उफान पर रहीं और उनके किनारे बसे गांव और कृषि भूमि के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए.
पंजाब के कम से कम आठ जिले भीषण बाढ़ की चपेट में हैं. अलग-अलग केंद्रीय एजेंसियां राज्य अधिकारियों के साथ मिलकर पिछले चार दिन से जलमग्न इलाकों से फंसे लोगों को निकालने की कोशिश में जुटी हैं. जिला प्रशासन के अनुरोध पर इंडियन आर्मी, एयरफोर्स, सीमा सुरक्षा बल और NDRF ने बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है.
SDRF भी पंजाब पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिलकर बचाव अभियान चला रही है. अब तक बचाए गए लोगों में बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाएं शामिल हैं.
अमृतसर जिला प्रशासन ने सेना की मदद से रामदास क्षेत्र के जलमग्न गांवों में फंसे बच्चों और बुजुर्गों सहित कई लोगों को निकाला. रावी नदी के बढ़ते जलस्तर से प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को बचाने के लिए वाहन और नावें तैनात की गईं. कुछ लोगों का कहना है कि यह बाढ़ देखकर साल 1988 की आपदा की याद आती है, जब सतलुज, व्यास और रावी नदियों के उफान ने इन नदियों के किनारे बसे गांवों और कृषि भूमि को जलमग्न कर दिया था.
इसके अलावा, पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, फाज़िल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर ज़िलों के गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. गुरदासपुर में, NDRF की एक टीम ने गुरुवार (28 अगस्त) को बाढ़ प्रभावित गांव कोटला मुगलां से एक व्यक्ति को बचाया, जिसे सांप ने काट लिया था.