राजस्थान में तेज बारिश के चलते हालात बिगड़ते जा रहे हैं. कई जिलों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. इस बीच, राज्य की राजनीति भी गरमा गई है. कांग्रेस ने प्रभावित इलाकों में राहत नहीं पहुंचाने और किसानों को मुआवजा न देने के मुद्दे पर सड़क से लेकर विधानसभा तक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कलेक्टर, संभागीय आयुक्त, एसपी और आईजी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद कर हालातों का जायजा लिया. इसके बाद सीएम ने अब अपने विधायक को और प्रभारी मंत्रियों को अपने-अपने क्षेत्र में सघन निरीक्षण करने के लिए मैदान में उतार दिया है. वहीं, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रशासन को सक्रिय करते हुए 5 से 7 सितंबर तक सभी विधायकों को अपने क्षेत्रों का सघन निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही प्रभारी मंत्रियों और विभागीय सचिवों को भी दो दिन तक जिलों का दौरा करने और राहत कार्यों की निगरानी करने के आदेश दिए हैं.
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य व्यापक स्तर पर जारी हैं. इसी क्रम में विधायकों को अतिवृष्टि से उत्पन्न समस्याओं से आमजन को राहत देने के लिए 5, 6 एवं 7 सितम्बर (तीन दिन) अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों के सघन निरीक्षण के विशेष निर्देश दिए हैं. साथ ही, प्रभारी मंत्री तथा सचिव को भी अपने क्षेत्रों में दो दिन तक दौरा कर आमजन की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए निर्देशित किया गया है. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों के साथ हर परिस्थिति में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. इस वर्ष 1 जून से 1 सितम्बर तक औसत बारिश से 56 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई है. ऐसे में सभी विधायक अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में जाएं तथा जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर राहत-बचाव कार्यों को और अधिक गति प्रदान करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार तात्कालिक राहत के साथ-साथ बारिश और बाढ़ से प्रतिवर्ष होने वाली समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए भी प्रतिबद्ध है. इसके लिए हम दीर्घकालिक योजनाएं बनाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आमजन की परेशानियों को प्रभावी रूप से दूर कर रही है.