जोधपुर में अमित शाह ने किया नेत्रहीन महाविद्यालय का शिलान्यास, बोले- दिव्यांगों की शिक्षा और सम्मान के लिए सरकार प्रतिबद्ध

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जोधपुर में आयोजित एक विशेष समारोह में कहा कि अंधेरा चाहे कितना भी घनघोर क्यों न हो, अगर कोई एक दीप प्रज्ज्वलित करता है तो पूरे अंधकार को दूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि समाज के सामने अनेक चुनौतियां हैं, विशेषकर दिव्यांग बच्चों और माताओं के लिए. इन चुनौतियों का समाधान सरकार, समाज और संस्थाओं के सामूहिक प्रयास से ही संभव है.

अमित शाह जोधपुर में नेत्रहीन सेवा संस्थान द्वारा संचालित प्रदेश के पहले नेत्रहीन महाविद्यालय और छात्रावास के शिलान्यास समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए. उन्होंने कहा कि संस्थान की संचालिका सुशीला बोहरा ने जीवन के शुरुआती दौर में बड़े दुख सहे, लेकिन उसके बावजूद अपना पूरा जीवन दिव्यांगों की सेवा में समर्पित कर दिया. उनके अथक प्रयासों से हजारों बच्चों के जीवन में शिक्षा और उजियारा पहुंचा है. उन्होंने भावुक होकर कहा कि सुशीलाजी ने उनके जन्म से पहले ही सेवा कार्य शुरू कर दिया था. आज 85 वर्ष की आयु में भी वे एक युवा समाजसेवी की तरह काम कर रही हैं. शाह ने कहा कि उन्होंने यहां आकर महसूस किया कि संस्थान के लिए देर से आए हैं.

कार्यक्रम के दौरान जब संस्थान की ओर से दिव्यांग विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग उठी तो अमित शाह ने भरोसा दिलाया कि इस पर गंभीर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से बातचीत के बाद अगर जरूरत हुई तो विश्वविद्यालय की घोषणा और उसका क्रियान्वयन भी किया जाएगा.

अमित शाह ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिव्यांगों के लिए किए गए कार्यों का विशेष उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि 2015 में मोदीजी ने विकलांग शब्द को बदलकर दिव्यांग शब्द दिया. इस बदलाव ने पूरे देश में समाज की सोच को बदल दिया और दिव्यांगजनों को नई पहचान मिली. शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिव्यांगों के लिए रिकॉर्ड स्तर पर काम किया है. पैराओलंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाड़िया का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय खिलाड़ियों ने हाल के तीन पैराओलंपिक में 52 पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया. उन्होंने यह भी कहा कि पहले जहां दिव्यांग खेलों का बजट 335 करोड़ रुपए था, वहीं अब इसे बढ़ाकर 1300 करोड़ रुपए से अधिक कर दिया गया है.

समारोह में पारसमल बोहरा ने बताया कि नेत्रहीन महाविद्यालय के अंतर्गत महाविद्यालय भवन, गर्ल्स और बॉयज हॉस्टल परियोजनाओं पर कुल 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इस राशि का वहन मोतीलाल ओवाल और विजेंद्र सिंह चौधरी एचजी फाउंडेशन कर रहा है.

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति संदीप मेहता, सुशीला बोहरा और अनिल बोहरा ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर मंत्री जोगाराम पटेल, मदन दिलावर, अविनाश गहलोत, केके विश्नोई, सांसद राजेंद्र गहलोत, विधायक देवेंद्र जोशी, अतुल भंसाली, बाबूसिंह राठौड़, भैराराम चौधरी समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.

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