राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की धरती गुरुवार को ऐतिहासिक सौगातों की साक्षी बनी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां जनसभा के दौरान देश और प्रदेश को करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का तोहफा दिया. आदिवासी बहुल छोटे सरवन क्षेत्र के नापला से पीएम मोदी ने 42 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास किया.
पीएम मोदी ने कुल 1,22,000 करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया, जिसमें अकेले राजस्थान को 1,08,468 करोड़ रुपए की सौगात मिली. इस मौके पर पीएम मोदी ने नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई, किसानों के लिए कुसुम योजना का विस्तार किया और हजारों युवाओं को नियुक्ति पत्र भी सौंपे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बांसवाड़ा के माही स्थित हेलीपैड पर राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्वागत-अभिनंदन किया. सभास्थल पर पीएम मोदी खुली कार में सवार होकर पहुंचे. मोदी के साथ इस कार में सीएम भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, डिप्टी सीएम डॉ. प्रेम चंद बैरवा और दीया कुमारी सवार थीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांसवाड़ा जिले के छोटी सरवन क्षेत्र के नापला में 42 हजार करोड़ रुपए की न्यूक्लियर पावर प्लांट परियोजना का शिलान्यास किया. इसके साथ उन्होंने कुल 1,22,000 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया, जिसमें से राजस्थान को 1,08,468 करोड़ रुपए के कार्यों की सौगात मिली.
इस दौरान पीएम मोदी ने बीकानेर और दिल्ली कैंट के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, जोधपुर और दिल्ली कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन तथा उदयपुर से चंडीगढ़ एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके अलावा पीएम मोदी ने बांसवाड़ा से देशभर के कुसुम योजना सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद किया. उन्होंने राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के किसानों के लिए पीएम कुसुम योजना का उद्घाटन किया. समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने 5,778 पशु परिचरों, 4,197 कनिष्ठ सहायकों, 1,800 कनिष्ठ अनुदेशकों, 1,464 कनिष्ठ अभियंताओं, तृतीय श्रेणी लेवल-2 के 1,200 अध्यापकों सहित विभिन्न पदों पर युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे.
इन योजनाओं का शिलान्यास
- 2,800 मेगावाट की माही बांसवाड़ा परमाणु विद्युत परियोजना (42,000 करोड़ रुपए)
- बीकानेर जिले में 590 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजना (8,500 करोड़ रुपए)
- जैसलमेर, बाड़मेर, सिरोही, नागौर व बीकानेर में 15.5 गीगावाट क्षमता की विद्युत प्रसारण लाइनें (13,183 करोड़ रुपए)
- बांसवाड़ा, उदयपुर, डूंगरपुर, धौलपुर, सवाईमाधोपुर, बाड़मेर, दौसा, चुरू, अजमेर, भीलवाड़ा, सीकर जिलों में 15 पेयजल परियोजनाएं (5,884 करोड़ रुपए)
- भरतपुर में 2 फ्लाईओवर, बनास नदी पर पुल निर्माण तथा 119 अटल प्रगति पथों का निर्माण (878 करोड़ रुपए)
- बीकानेर एवं जैसलमेर जिलों में 220 केवी के 3 जीएसएस व संबंधित लाइनों के कार्य (348 करोड़ रुपए)
इन योजनाओं का लोकार्पण
- 1,400 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं एवं 925 मेगावाट का नोख सोलर पार्क, फलौदी (10,710 करोड़ रुपए)
- पीएम कुसुम-सी के तहत 895 मेगावाट के विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्र (3,132 करोड़ रुपए)
- ईसरदा बांध, धौलपुर लिफ्ट, बत्तीसानाला एवं अन्य सिंचाई परियोजनाओं के कार्य (2,365 करोड़ रुपए)
- बाड़मेर, अजमेर, ब्यावर, डूंगरपुर, भर्तृहरि नगर, बांसवाड़ा, राजसमंद, उदयपुर जिलों में 7 सड़कों के कार्य (1,758 करोड़ रुपए)
- बाड़मेर जिले में 220 केवी जीएसएस व लाइन निर्माण (142 करोड़ रुपए)
- डीडवाना-कुचामन व झुंझुनूं में सीवरेज व जल प्रदाय परियोजना का कार्य (226 करोड़ रुपए)
- आईटी डवलपमेंट एंड ई-गवर्नेंस सेंटर (140 करोड़ रुपए)
- भरतपुर में आरबीएम चिकित्सालय में 250 बेड का अस्पताल (128 करोड़ रुपए)
- जल संसाधन विभाग की 20,833 करोड़ रुपए की परियोजना का लोकार्पण
- 15,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सबसे पहले ‘पीएम मोदी जिंदाबाद’ के नारे लगवाए और राजस्थान की धरती पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया. उन्होंने सौगातें देने के लिए पीएम मोदी का आभार जताया. सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक सौगातों का दिन है. बांसवाड़ा में परमाणु ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास हुआ है, जो राजस्थान के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने बताया कि देशभर में प्रस्तावित 8 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में से एक संयंत्र बांसवाड़ा में स्थापित किया जा रहा है. इससे राजस्थान ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा और पर्यटन, रोजगार व आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.
उन्होंने कहा कि राजस्थान में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. कुसुम योजना में राजस्थान प्रथम स्थान पर है. सौर ऊर्जा उत्पादन में भी राज्य अव्वल है. आज माही परमाणु परियोजना की सौगात मिली है. हमने 2 साल में 19 करोड़ पौधे लगाए हैं. जल संरक्षण से लोगों को जोड़ा है. आज राजस्थान तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है और अब यह मरुस्थलीय प्रदेश नहीं बल्कि हरियालो राजस्थान बन रहा है.