नायब सिंह सैनी “शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह पुरस्कार” से सम्मानित, सिख समुदाय के कल्याण के लिए मिला सम्मान

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को आज “ग्लोबल पंजाबी एसोसिएशन” द्वारा प्रतिष्ठित “शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह पुरस्कार” से सम्मानित किया गया. यह सम्मान मुख्यमंत्री को उनके प्रेरणादायी नेतृत्व, सामाजिक सौहार्द के प्रति प्रतिबद्धता और हरियाणा के सिख समुदाय के कल्याण के लिए किए गए सतत प्रयासों की सराहना स्वरूप प्रदान किया गया है.

मुख्यमंत्री सोमवार को चंडीगढ़ सेक्टर 18 स्थित टैगोर थियेटर में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने यहां श्री गुरु तेग बहादुर जी को नमन करते हुए कहा कि “आज का यह अवसर उनके लिए अत्यंत प्रेरणादायी और हृदयस्पर्शी है.” उन्होंने हिंद की चादर नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर आधारित पुस्तक के विमोचन के साक्षी बनने पर खुशी प्रकट की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ग्लोबल पंजाबी एसोसिएशन के मुख्य संरक्षक डॉ. इकबाल सिंह लालपुरा द्वारा लिखित हिंदी पुस्तक “तिलक जंजू का राखा” का विमोचन किया. इस पुस्तक को श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन, यात्राओं और अद्वितीय सर्वोच्च बलिदान का गहन शोध पूर्ण वृत्तांत है. उन्होंने कहा कि “श्री गुरु तेग बहादुर जी ने मानवता की रक्षा और धर्म की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्योछावर किए.” उन्होंने कहा कि “देश में औरंगजेब के शासन के नाजुक हालात में संकट के समय में भी गुरु साहिब ने निर्भीकता का परिचय देते हुए गुरु पद पर सेवा करना स्वीकार किया.”

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि “हिंदू धर्म की रक्षा के लिए 11 नवंबर 1675 को श्री गुरु तेग बहादुर जी ने अपना शीश कुर्बान कर दिया.” उन्होंने अपना शीश दे दिया लेकिन धर्म नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि “जब औरंगजेब ने दिल्ली के चांदनी चौक में श्री गुरु तेग बहादुर जी का शीश कलम करवा दिया था तो भाई जैता ने उनके शीश को श्री आनंदपुर साहिब ले जाने का संकल्प लिया. जब मुगल सेना भाई जैता का पीछा कर रही थी तो उन्हें जिला सोनीपत के बढ़खालसा गांव में कुशाल नाम का एक गुरु शिष्य मिला, जिसने भाई जैता को कहा कि मेरी शक्ल गुरु जी से मिलती है. इसलिए आप मेरा शीश उतारकर मुगल सेना को सौंप दें. इस तरह कुशाल ने अपना शीश कलम करवा दिया और भाई जैता गुरु जी का शीश श्री आनंदपुर साहिब ले जाने में सफल हुए.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश वर्ष को देशभर में मनाया गया. गुरु साहिब के 400 वें प्रकाश पर्व पर उनकी स्मृति में डाक टिकट और एक सिक्का भी जारी किया गया. प्रधानमंत्री ने दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहीदी दिवस को हर वर्ष ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व भव्य तरीके से मनाया गया. उन्होंने कहा कि “दिसम्बर, 2022 में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की स्थापना की गई, जिससे सिखों की काफी समय से जारी मांग को पूरा किया. इससे हरियाणा में सिख समुदाय को स्वायत्तता मिली है. सिरसा स्थित गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब को 27 जून, 2024 को 70 कनाल भूमि स्थानांतरित करने का फैसला लिया गया, जिसे गुरुद्वारा साहिब को दे दिया गया. यमुनानगर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम हिन्द की चादर श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी के नाम पर रखा गया है. असंध के कॉलेज का नाम श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे बेटे बाबा फतेह सिंह जी के नाम पर रखा गया है. लखनौर साहिब में माता गुजरी के नाम से वीएलडीए कॉलेज स्थापित किया गया है. श्री हजूर साहिब गुरुद्वारा, श्री ननकाना साहिब, श्री हेमकुंड साहिब और श्री पटना साहिब जाने वाले प्रदेश के तीर्थ यात्रियों को वित्तीय मदद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘स्वर्ण जयंती गुरु दर्शन यात्रा योजना’ शुरू की गई है.

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