मुख्यमंत्री धामी ने जीवनदीप आश्रम में आयोजित धार्मिक एवं सामाजिक महोत्सव में किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवनदीप सेवा न्यास द्वारा आयोजित इस महोत्सव में शतचंडी महायज्ञ, भक्तमाल कथा, 1100 बालिकाओं का पूजन, पाठ्य सामग्री वितरण और पाँच कन्याओं के सामूहिक विवाह जैसे कार्यक्रम समाज में सेवा और संस्कार का महत्वपूर्ण संदेश दे रहे हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सत्यमित्रानंद गिरी सभागार, सिद्धबली हनुमान द्वार और शहीद चौक का लोकार्पण किया। उन्होंने घोषणा की कि मैंन मार्ग से सुनहरा मार्ग चौराहे को अब शहीद चौक के नाम से जाना जाएगा। कहा कि यह चौक अमर शहीदों के साहस, त्याग और राष्ट्रभक्ति का स्मारक बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्यमित्रानंद गिरी ने धर्म, राष्ट्र और मानवता की सेवा में जीवन समर्पित कर समाज को करुणा, सेवा और त्याग का मार्ग दिखाया। उनके मार्गदर्शन में जीवनदीप सेवा न्यास शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, संस्कार और गौ–संरक्षण जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वभर में भारत की सनातन संस्कृति का गौरव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण, बद्रीनाथ–केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकाल लोक जैसी पहलें सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण की ऐतिहासिक मिसालें हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाने के लक्ष्य के साथ सरकार निरंतर कार्यरत है। यमुनातीर्थ पुनरुद्धार, हरिद्वार–ऋषिकेश कॉरिडोर, शारदा कॉरिडोर निर्माण और दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ‘‘विकल्प रहित संकल्प’’ के साथ उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में सतत कार्य कर रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि संतों के आशीर्वाद और जनसहयोग से उत्तराखंड एक आदर्श और अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित होगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी गीता धामी भी मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि जीवनदीप आश्रम द्वारा आयोजित यह पंचदिवसीय महोत्सव समाजहित के कार्यों का श्रेष्ठ उदाहरण है। उन्होंने 1100 कन्याओं के पूजन, भोजन तथा 6 कन्याओं के सामूहिक विवाह को पावन आयोजन बताते हुए सभी कन्याओं के सुखमय जीवन की कामना की।

मुख्यमंत्री ने स्वयं 11 कन्याओं का पूजन कर उन्हें उपहार और दक्षिणा दी तथा 6 कन्याओं के सामूहिक विवाह पर आशीर्वाद प्रदान किया। अंत में महामंडलेश्वर यतिंद्रानंद गिरी ने सभी अतिथियों, जनप्रतिनिधियों और संतजनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विभिन्न अखाड़ों के महामंडलेश्वर, साधु–संत, जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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