राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच बुधवार को मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार की कैबिनेट की अहम बैठक होगी. मुख्यमंत्री कार्यालय में होने वाली कैबिनेट बैठक मुख्यमंत्री भजनलाल की अध्यक्षता में होगी. इसके बाद मंत्रिपरिषद की बैठक होगी. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद हो रही इस कैबिनेट की बैठक को अहम माना जा रहा है.
पीएम मोदी से मुलाकात कर पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की दिल्ली में ही लंबी चर्चा भी हुई है. मंत्रिमंडल सचिवालय के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार की ओर से जारी आदेश के अनुसार बुधवार 3 बजे कैबिनेट की बैठक होगी. इसके बाद 4 बजे मंत्री परिषद की बैठक होगी, हालांकि आदेश में आधिकारिक रूप से एजेंडा जारी नहीं हुआ.
राजनीतिक विश्लेषक विवेकानंद शर्मा बताते हैं कि पिछले दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने अपनी नई टीम की घोषणा कर दी है. अब इसके बाद मंत्रिमंडल फेरबदल या विस्तार की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन जिस तरह से अध्यक्ष और सीएम एक साथ दिल्ली गए हैं और प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई, इससे साफ है कि मंत्रिमंडल विस्तार काउंटडाउन शुरू हो गया है. हालांकि, ये अलग बात है कि अभी ये साफ नहीं है कि पार्टी गुजरात की तर्ज पर सब का इस्तीफा लेकर नए सिरे से मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे. फिलहाल सरकार में मुख्यमंत्री सहित 24 मंत्री हैं, जबकि 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं. छह पद रिक्त हैं. ऐसे में सामाजिक और क्षेत्रिय संतुलन को साधने के लिहाज से मंत्री बनाए जाएंगे. विवेकानंद ने कहा कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की टीम में जिस तरह से विधायकों को बाहर किया गया, उससे साफ है कि जिन विधायकों को संगठन में जगह नहीं मिली वो मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं.
राजनीति के जानकार ये भी कहते हैं कि मत्रिमंडल विस्तार में वसुंधरा राजे गुट को भी साधने की तैयारी चल रही है, जिससे पार्टी में संगठनात्मक और क्षेत्रीय राजनीति के हिसाब से आपसी सामंजस्य बना रहे. वसुंधरा गुट के नेताओं को मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिलने की उम्मीद है. वहीं मंत्रिमंडल में आदिवासी और शेखावाटी क्षेत्र के चेहरों को शामिल किया जा सकता है. वही, मंत्रिमंडल विस्तार में वसुंधरा राजे गुट के 2-3 नेताओं को एडजस्ट किया जा सकता है. मंत्रिमंडल में विस्तार के साथ साथ फेरबदल की भी चर्चाएं हैं. कई मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं तो कुछ की मंत्रिमंडल से छुट्टी भी संभव है. मत्रिमंडल विस्तार में दलित और गुर्जर समुदाय का प्रतिनिधित्व बढ़ सकता है. वहीं, पूर्वी राजस्थान से भी नए चेहरों को मौका मिलने की संभावना है.