उत्तर प्रदेश: शारीरिक बनावट क्षमता के निर्धारण और लक्ष्यों की प्राप्ति में बाधा नहीं बनती है. भारत की ऋषि परंपरा ने हमेशा हमें इस बात के लिए प्रेरित किया है कि व्यक्ति की शारीरिक बनावट उसकी क्षमता का निर्धारण नहीं करती है. भारतीय मनीषा का मानना है कि वास्तविक शक्ति मन, संकल्प और आत्मबल में है. यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बुधवार को विश्व दिव्यांग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही.
दिव्यांगजन सशक्तिकरण, छात्रवृत्ति वितरण, सहायक उपकरण प्रदान करने और उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के सम्मान के लिए आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि आज देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की भी जयंती है. उनकी स्मृतियों को नमन करते हुए मैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. सीएम ने कहा कि हमारे यहां एक ग्रंथ है, अष्टावक्र गीता, जिसे ऋषि अष्टावक्र ने रचा था. उनके बारे में अनेक धारणाएं हैं और कहते हैं कि विदेह जनक को भी आत्मज्ञान की प्रेरणा उन्होंने दी. मध्यकाल में संत सूरदास इसके उदाहरण हैं. दुनिया में भी अनेक ऐसे उदाहरण हैं, जहां दिव्यांगजनों को थोड़ा भी संबल मिला तो उन्होंने अपने सामर्थ्य और अपनी शक्ति से समाज के लिए वह सब कुछ कर दिखाया, जिस पर सामान्य जन को सहज विश्वास भी नहीं होता है.
सीएम ने कहा कि दिव्यांगजन के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से जो कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, वे एक प्लेटफॉर्म के रूप में आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं. खेल और युवा कल्याण विभाग के सचिव स्वयं पैरालंपिक मेडलिस्ट हैं. वह उस टीम का हिस्सा रहे हैं, जिसने पैरा ओलंपिक में सर्वाधिक मेडल जीते. चित्रकूट के मंडलायुक्त दृष्टिबाधित हैं, लेकिन मंडलायुक्त के रूप में वहां अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर रहे हैं. यह स्पष्ट संकेत है कि हमारी संकल्प शक्ति और आत्मबल ही हमारे सामर्थ्य का वास्तविक पैमाना है. इसी कारण भारत की मनीषा और ऋषि परंपरा ने कभी भी शारीरिक बनावट को व्यक्ति की क्षमता का आधार नहीं माना.
सीएम ने कहा कि आज सरकार ने पेंशन की राशि को 300 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया है. लाभार्थियों की संख्या भी आठ लाख से बढ़ाकर 11 लाख से अधिक कर दी गई है. तकनीक के उपयोग से पारदर्शी व सरल प्रक्रिया के जरिए उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दिव्यांगजन कल्याण को 2014 के बाद नई गति मिली है. पहले व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल, ब्लाइंड स्टिक और हियरिंग एड प्राप्त करना अत्यंत कठिन था, लेकिन एलिम्को, कानपुर और डीडीआरसी को सक्रिय कर स्थिति में सुधार किया गया. उत्तर प्रदेश के सभी डीडीआरसी को पुनर्जीवित किया जा रहा है. हर कमिश्नरी मुख्यालय पर नए केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं.
इन्हें किया गया सम्मानित
- प्रतीक सैनी, विक्रम कुमार, विकास कुमार और मोहम्मद हामिद को राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कर्मचारी के रूप में शॉल, चेक और प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया.
- रागिनी शाह को सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन नियोक्ता के राज्य स्तरीय सम्मान से सम्मानित किया गया. केशव जालान को सर्वश्रेष्ठ प्लेसमेंट अधिकारी और एजेंसी के राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- मुकेश कुमार शुक्ला और बॉबी रमानी को दिव्यांगजन के लिए कार्य करने वाले सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों के राज्य स्तरीय सम्मान से सम्मानित किया गया. भिनगा श्रावस्ती की संस्था को सर्वश्रेष्ठ संस्था के राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- आशादीप धर्मार्थ सेवा समिति, मुजफ्फरनगर को दिव्यांगजन के लिए कार्यरत सर्वश्रेष्ठ संस्था के राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- नंद प्रसाद यादव, पंकज कुमार श्रीवास्तव, विनायक बहादुर, अशोक कुमार और आस्था राय को प्रेरणास्रोत के राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- अंकित सिंघल को दिव्यांगजनों का जीवन सुधारने के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया गया. शाजिया सिद्दीकी को उत्पाद विकास के राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- समेकित विकास क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र, गोरखपुर और उत्तर प्रदेश मूक बधिर विद्यालय, प्रयागराज को बाधा मुक्त वातावरण के सृजन के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- प्रयागराज को दिव्यांगजनों को उत्कृष्ट सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सर्वश्रेष्ठ जनपद का सम्मान दिया गया. प्रवीण शेखर, कुमारी पूजा, शुभम प्रजापति, साधना सिंह और हिमांशु नागपाल को भी सम्मानित किया गया.
- राजकीय ब्रेल प्रेस को सर्वश्रेष्ठ ब्रेल प्रेस के सम्मान से सम्मानित किया गया. अजीत सिंह व रिदम शर्मा को सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी के रूप में सम्मानित किया गया. डॉ. राजेंद्र पेंसिया और डॉ. दिलीप कुमार को भी सम्मानित किया गया.
- शैक्षिक सत्र 2024-25 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्पर्श राजकीय दृष्टिबाधित बालक और बालिका इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया.