हरियाली तीज पर राज्य स्तरीय वन महोत्सव, प्रदेशभर में लगाए जा रहे 2.5 करोड़ पौधे

हरियालो राजस्थान मुहिम के तहत हरियाली तीज के मौके पर आज राज्य स्तरीय वन महोत्सव का आयोजन मदाऊ स्थित जगद्गुरु रामानंदाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में किया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की. उन्होंने कहा कि सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं. इसी के तहत हरियालो राजस्थान की संकल्पना की गई है. पांच साल में सरकार ने 50 करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लिया है. इस साल बारिश के मौसम में दस करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है. इनमें से 2.5 करोड़ पौधे आज हरियाली तीज के मौके पर वन महोत्सव में लगाए जा रहे हैं.

इससे पहले झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से जान गंवाने वाले बच्चों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई और परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की गई. मुख्यमंत्री ने झालावाड़ की घटना पर दुख जताया और कहा, हमने कमेटी बनाई है. विधायक अपने कोष से स्कूलों की मरम्मत के लिए राशि दे सकते हैं. उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि ऐसी स्कूलों या अन्य इमारतों की सूचना अधिकारियों तक पहुंचाएं.

इस कार्यक्रम में विधि मंत्री जोगाराम पटेल, वन मंत्री संजय शर्मा, जयपुर सांसद मंजू शर्मा, सीएस सुधांश पंत, डीजीपी राजीव शर्मा, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलगुरु रामसेवक दुबे, प्रमुख वन्यजीव प्रतिपालक (हॉफ) पीके उपाध्याय, बगरू विधायक कैलाश वर्मा, जयपुर देहात भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश गुर्जर और जिला प्रमुख रमा चोपड़ा भी मौजूद रहे. वन विभाग के एसीएस आनंद कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने इस साल दस करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लिया है. वन महोत्सव के तहत आज 2.5 करोड़ से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं. कार्यक्रम में राज्य पुष्प रोहिड़ा के वृक्ष पर एक ब्रोशर का विमोचन किया गया. पर्यावरण और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्थाओं को पुरस्कार भी दिए गए.

उन्होंने कहा, आज से त्योहारों का उत्सव का आगाज हो गया है. यह पर्व शिव-पार्वती को समर्पित है. कांवड़ यात्रा भी हमारी संस्कृति का हिस्सा है. इस बार अच्छी बारिश हुई और जुलाई में ही आधे से ज्यादा बांध भर चुके हैं. बीसलपुर बांध के गेट खोले गए हैं. ईसरदा-नौनेरा बांध भर गया. हमारे देश-प्रदेश के लिए पर्यावरण जरूरी है. पीएम मोदी ने एक पेड़ मां के नाम अभियान चलाया है. बारिश अच्छी होगी तो किसान-मजदूर खुशहाल होगा और राजस्थान खुशहाल होगा.

उन्होंने कहा, पीएम मोदी के नेतृत्व में ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ाई में भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है. अब पर्यावरण को पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाएगा. 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है. हमारी संस्कृति में पर्यावरण का अहम स्थान रहा है. हम पेड़ों, पहाड़ों और प्रकृति की पूजा करते हैं. पुराणों में पीपल के वृक्ष का अहम स्थान बताया गया है. इसमें देवताओं का वास माना गया है.

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