उत्तराखंड की धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में बुधवार कुल 26 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई. सबसे अहम फैसला अग्निवीरों के हितों और धर्मांतरण कानून में सख्ती पर लिया गया. धामी सरकार ने उत्तराखंड में अग्निवीरों के लिए रोजगार का पिटारा खोल दिया है. अग्निवीरों को पुलिस, गृह और वन विभाग जैसे कई विभागों की भर्तियों में सीधे 10 फीसद का आरक्षण मिलेगा. इसके अलावा आयु सीमा में भी छूट दी जाएगी. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यह आरक्षण केवल उन्हीं युवाओं को मिलेगा जो उत्तराखंड के मूल निवासी हैं.
जानकारी के मुताबिक अग्निवीरों को निम्नलिखित विभागों में आरक्षण दिया जाएगा.
– नागरिक पुलिस व अग्निशमन सेवा (कांस्टेबल/उपनिरीक्षक)
– कारागार पुलिस (बंदी रक्षक)
– वन विभाग (वन रक्षक)
– राजस्व पुलिस (पटवारी)
– आबकारी विभाग (पुलिस बल)
– परिवहन विभाग (पर्वतन दल)
– धर्मांतरण कानून हुआ और कठोर
बता दें कि 2026 में 850 अग्निवीर रिटायर होकर लौट रहे हैं. जिन्हें धामी सरकार के इस फैसले से सीधा और बड़ा फायदा होगा. अग्निवीरों के लिए धामी सरकार का यह फैसला प्रदेश में रोज़गार, सुरक्षा और सामाजिक संतुलन की दिशा में अहम माना जा रहा है.
इसके अलावा उत्तराखंड सरकार ने धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में संशोधन कर और धर्मांतरण विरोधी कानून को और सख्त बना दिया है. नए कानून के तहत सजा 10 साल से बड़ाकर 14 साल और कुछ विशेष मामलों में तो यह सजा 20 साल तक दी जा सकती है. इसके अलावा जुर्माने की राशि 50,000 से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है. माना जा रहा है कि सरकार ने कानून में यह सख्ती राज्य में जबरन या धोखे से कराये जा रहें धर्मांतरण को रोकने के लिए की है.
साथ ही सहकारिता सेवा मंडल नीति को मंजूरी देने और उद्योग-निर्माण के लिए नई स्वीकृतियां देने का भी निर्णय लिया.