उत्तर प्रदेश: सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक की. लखनऊ और कानपुर में 200 इलेक्ट्रिक बसों को नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मोड पर संचालित करने तथा अन्य नगरों में 650 बसों की खरीद का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा देना चाहिए. इसके लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया जाए.
सीएम योगी ने नगर पालिकाओं को स्मार्ट और विकसित नगर पालिका के रूप में विकसित करने की योजना का क्रियान्वयन शुरू करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट-विकसित नगर पालिका योजना का उद्देश्य जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को आधुनिक, आत्मनिर्भर और नागरिक-केंद्रित स्वरूप में विकसित करना है. उन्होंने निर्देश दिया कि इस पर जल्द से जल्द काम शुरू किया जाए.
अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत नगर पालिकाओं में गौरव पथ, पिंक टॉयलेट, शहरी सुविधा केंद्र, स्मार्ट क्लासरूम व आंगनबाड़ी, थीम आधारित पार्क, ऐतिहासिक धरोहर संरक्षण, जलाशयों का पुनर्जीवन, ईवी चार्जिंग स्टेशन, ग्रीन क्रेमेटोरियम और डिजिटल सेवाओं जैसी आधुनिक सुविधाएं डेवलप की जाएंगी. साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के लिए उत्सव भवन, सामुदायिक केंद्र और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट आधारित ढांचे भी स्थापित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को हब-एंड-स्पोक मॉडल पर लागू किया जा सकता है. लखनऊ और गोरखपुर स्थित एकीकृत कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से समीपवर्ती जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को जोड़ा जा सकता है. इससे नगर पालिकाओं को सुरक्षा, निगरानी और शिकायत निवारण जैसी सेवाओं में आधुनिकता मिलेगी तथा संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा.
न्होंने कहा कि हर नगर पालिका में परियोजनाओं का चयन स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर किया जाए और वित्तीय संसाधनों का आवंटन नगर निकायों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति के अनुसार किया जाए. अधिकारियों ने बताया कि नगर निकायों को 4 करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान उपलब्ध कराए जाने का प्रस्ताव है, जो उनकी जनसंख्या और कार्यदक्षता पर आधारित होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को विकसित-स्मार्ट स्वरूप देने से न केवल आधारभूत संरचना सुदृढ़ होगी, बल्कि नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी सेवाएं भी मिलेंगी. मुख्यमंत्री ने सभी नगर निगमों में बकाये कर में विसंगतियों के तत्काल समाधान पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अभियान चलाकर लोगों से आपत्तियां आमंत्रित की जाएं और समाधान शिविर लगाकर नागरिकों की समस्याओं का समाधान कराया जाए.
बैठक में नगर निकायों की वित्तीय स्वीकृति सीमाओं को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई. अधिकारियों ने बताया कि बीते लगभग 20 सालों से इन सीमाओं में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 74वें संविधान संशोधन की भावना के अनुरूप नगर निकायों को अधिक वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार मिलने चाहिए. उन्होंने निर्देश दिया कि नगर आयुक्त, महापौर, कार्यकारिणी समिति तथा नगर निगम बोर्ड की वित्तीय स्वीकृति सीमाओं का तत्काल विस्तार किया जाए.
बैठक में मुख्यमंत्री ने लखनऊ में शहीद चंद्रशेखर आज़ाद अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज एवं बहुउद्देश्यीय खेल परिसर की स्थापना के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को पीपीपी मोड पर प्राथमिकता के साथ प्रारम्भ किया जाए, जिससे प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिले और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित हों.