आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दो धारी तलवार है. इसे सही तरीके से अपनाने पर ही फायदा मिलेगा. ये कहना है प्रदेश के मुखिया भजन लाल शर्मा का. शुक्रवार को भारतीय सीए संस्थान की ओर से एआई इनोवेशन समिट का आयोजन हुआ. इसमें एआई के ग्लोबल स्टैंडर्ड्स, प्रोडक्टिविटी, एथिक्स, रिस्क और ट्रस्ट पर मंथन करते हुए इसके जरिए काम में गति और बेहतर परिणाम का दावा किया गया.
चार्टर्ड अकाउंटेंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सहयोगी बनाकर अपनी विशेषज्ञता बढ़ाने के लिए शुक्रवार को जयपुर में जुटे. इस पहल के साक्षी खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बने. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेंट राजस्थान में हैं और उनमें भी सबसे ज्यादा जयपुर में हैं. चार्टर्ड अकाउंटेंट राष्ट्र की आर्थिक व्यवस्था की आत्मा है. वैश्विक परिवर्तन में भी सीए की भागीदारी रहती है और समाज को दिशा देने, मजबूती देने का काम सीए कर रहे हैं. लोग अपने परिजनों से ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेंट पर विश्वास करता है. राष्ट्र के निर्माण में सीए का महत्वपूर्ण रोल है. अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में जब भारत तीसरी शक्ति बनेगा, तो उसमें भी चार्टर्ड अकाउंटेंट का ही योगदान रहेगा. इस दौरान सीएम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को दो धारी तलवार को बताते हुए कहा कि इसे सही तरह से अपनाने से ही काम में गति आएगी, फायदा मिलेगा और परिणाम भी बेहतर होंगे.
इस दौरान मौजूद रहे कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ और भारत की तलवार ब्रह्मोस आतंकी ठिकानों को दुश्मन के हवाई अड्डा को नष्ट कर रही थी. हमारे देश की ढाल S-400 के दुश्मनों के ड्रोन और मिसाइलों को हवा में नष्ट कर रही थी. ये आर्थिक ताकत पैदा करने वाले भी चार्टर्ड अकाउंटेंट ही हैं, क्योंकि उन्होंने टैक्स भरवाने का काम किया. सीए में ये काबिलियत है कि क्लाइंट को तो लग रहा है कि टैक्स बच रहा है. देश को लग रहा है कि अच्छा खासा टैक्स आ रहा है. इसी से हर घर जल भी पहुंच रहा है और दुश्मनों के घर में घुसकर वार भी हो रहा है.
प्रोग्राम डायरेक्टर सतीश कुमार गुप्ता ने कहा कि एआई सहयोगी के रूप में काम करेगा, तो डाटा का मिसयूज हो सकता है. डाटा की सिक्योरिसी बाहर जा सकती है. इस डाटा से जो रिजल्ट आएगा, उसे ह्यूमन इंटेलिजेंस से काम नहीं करेंगे तो फाइनल रिजल्ट भी खराब आ सकता है. ऐसे में ये वाकई दो धारी तलवार है, इसलिए चार्टर्ड अकाउंटेंट में एआई को बहुत सावधानी से लागू किया है. इसे लेकर अब तक 500 बैच चलाए जा चुके हैं. अब एआई 2.0 का उद्घाटन किया गया है. सभी स्टूडेंट और मेंबर्स को ये बताया जा रहा है कि एआई से फायदा लें. इतनी सावधानी रखें कि डाटा का मिसयूज ना हो और जो रिजल्ट है, उसको वेरीफाई करने के बाद ही एआई पर विश्वास करें.
उन्होंने बताया कि भविष्य में एआई को टैक्स ऑडिट, कंपनी ऑडिट, साइबर ऑडिट, फॉरेंसिक ऑडिट, प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग, कैपिटल मार्केट या यूं कहें चार्टर्ड अकाउंटेंट जो भी काम कर रहे हैं, उन सभी में एआई का इस्तेमाल कर बेहतर परिणाम लाने का प्रयास किया जाएगा. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष चार्टर्ड अकाउंटेंट की सीधी भर्ती करने की भी मांग भी रखी और तर्क दिया कि चार्टर्ड अकाउंटेंट अकाउंट्स, ऑडिट फाइनेंस इकोनामिक में स्किल्ड है. सीए यदि किसी भी सरकारी संस्थान को ज्वाइन करेगा तो वहां काम में परफेक्शन आएगा.
सेंट्रल काउंसिल मेंबर रोहित रूवाटिया ने बताया कि पहली बार राजस्थान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर समिट हो रही है. चार्टर्ड अकाउंटेंट को ह्यूमन इंटेलिजेंस में एक अच्छे पैमाने पर रखते हैं और जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ह्यूमन इंटेलिजेंस का कंबीनेशन होता है तो ये न्यू नॉर्मल के रूप में देखा जाएगा. जिस तरह पहले इंटरनेट, कंप्यूटर आए उसी तरह आज एआई है, इसलिए सीए संस्थान आज हर उस सब्जेक्ट पर बात करती है जो जीवन में काम में आएगा. जयपुर चैप्टर के अध्यक्ष विकास यादव ने बताया कि एआई की ट्रेनिंग न सिर्फ आने वाली पीढ़ी को, बल्कि जो सीए बन चुके हैं, उन सभी को दी जा रही है ,ताकि ऑफिस के काम में समय भी बचे. एक्यूरेसी आए. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि एआई कभी भी ह्यूमन इंटेलिजेंस को रिप्लेस नहीं कर सकता. ये एक तेज पावरफुल घोड़ा है जिसे डायरेक्शन देने की जरूरत है.