उत्तर प्रदेश: आईआईटी कानपुर में आयोजित ‘समन्वय’ उद्योग-अकादमिक जुड़ाव कार्यक्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब इंडस्ट्री और अकादमिक संस्थानों का सहयोग केवल शोध और नवाचार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आम नागरिक के जीवन स्तर सुधारने, वैश्विक चुनौतियों से निपटने और सतत विकास की दिशा में ठोस समाधान देने का माध्यम है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी और सस्टेनेबिलिटी जैसे मुद्दों पर होने वाला मंथन भारत को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने में अहम साबित होगा. उन्होंने बताया कि कभी भारत वैश्विक जीडीपी में 25% योगदान करता था, लेकिन 1947 तक यह घटकर 2% रह गया. पिछले 11 वर्षों में भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचेगा.
योगी ने आईआईटी कानपुर के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां के छात्र और शोधकर्ता देश की नई तकनीकी चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत की परंपरा हमेशा से यही रही है कि हर वनस्पति, हर अक्षर और हर व्यक्ति में कुछ बनने की क्षमता होती है-ज़रूरत केवल उन्हें जोड़ने की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी ‘बीमारू’ कहे जाने वाले यूपी ने पिछले आठ वर्षों में नई पहचान बनाई है. अब यह देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. बेहतर सुरक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश के चलते प्रदेश हर क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर रहा है. बुंदेलखंड का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जहां कभी पलायन और डकैतों की समस्या थी, वहीं अब हर घर तक पानी और खेतों तक सिंचाई पहुंच रही है.
योगी ने कहा कि 2017 में केवल 2 साइबर थाने थे, जबकि अब 75 जिलों में साइबर थाने और 1500 से अधिक थानों में साइबर डेस्क हैं. राज्य साइबर और फॉरेंसिक संस्थान की भी स्थापना की जा चुकी है. उन्होंने विश्वास जताया कि भारत का पहला डीप-टेक मॉडल तैयार करने में आईआईटी कानपुर केंद्रीय भूमिका निभाएगा.
मुख्यमंत्री ने उद्योग जगत से आग्रह किया कि केवल लाभ कमाने तक सीमित न रहें, बल्कि नवाचार और अनुसंधान में भी निवेश करें. उन्होंने कहा कि अगर अकादमिक और इंडस्ट्री का ‘समन्वय’ सही ढंग से हो तो भारत एक बार फिर से अपना गौरवशाली स्थान प्राप्त करेगा.