कुरुक्षेत्र में गूंजी गीता की ध्वनि, 21 हजार बच्चों ने किया वैश्विक पाठ, 58 देशों में लाइव प्रसारण, मुख्यमंत्री और रामदेव हुए शामिल

कुरुक्षेत्र में सोमवार दोपहर एक अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला, जब 21 हजार बच्चों ने एक साथ बैठकर एक मिनट तक भगवद् गीता के श्लोकों का उच्चारण किया. यह अनोखा आयोजन कुरुक्षेत्र थीम पार्क (केशव पार्क) में हुआ, जहां बच्चों ने भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और गीता के संदेश के प्रति अपनी आस्था का अद्भुत प्रदर्शन किया. पूरे वातावरण में शांति, ऊर्जा और आध्यात्मिकता की तरंगें महसूस की गईं.

यह आयोजन केवल स्थानीय नहीं रहा, बल्कि इसका स्वरूप पूरी तरह वैश्विक था.दोपहर 12 बजे दुनिया भर में एक साथ गीता पाठ किया गया. ऑनलाइन माध्यम से अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दुबई सहित 58 देशों के लाखों लोग इस कार्यक्रम से जुड़े. यह अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य गीता के सार्वभौमिक संदेश को विश्वभर में पहुंचाना और युवाओं को इसकी शिक्षाओं से जोड़ना था.

विजडम वर्ल्ड स्कूल की छात्रा मनस्वी ने कहा, “इस बार 21 हजार बच्चे एक साथ गीता पाठ कर रहे हैं और विदेशों से लाखों लोग भी हमारे साथ जुड़े हैं. गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो ज्ञान दिया, वह आज भी जीवन में उतारने योग्य है. यह हमें सही दिशा और सकारात्मक सोच प्रदान करती है.”वहीं, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा अनुष्का ने बताया कि, “जब जीवन में निराशा घेर ले, तब गीता पढ़ने से नई ऊर्जा और मार्ग मिलता है. गीता हमें सत्य के मार्ग पर चलने और नकारात्मकता से दूर रहने का संदेश देती है.
GITA CHANT KURUKSHETRA
इस आयोजन में पारंपरिक संस्कृति और आधुनिक तकनीक का अद्भुत मेल देखने को मिला. यहां हजारों बच्चे पार्क में बैठकर सामूहिक रूप से श्लोकों का उच्चारण कर रहे थे. वहीं, दुनिया भर के लोग मोबाइल और लैपटॉप के माध्यम से लाइव जुड़े. आयोजकों ने बताया कि यह आयोजन हर वर्ष और भी व्यापक स्तर पर किया जाएगा, ताकि भारतीय संस्कृति का संदेश विश्वभर तक पहुंचे.
अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के समापन समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, स्वामी रामदेव महाराज और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. मुख्यमंत्री ने कहा कि, “कुरुक्षेत्र की धरती से गीता का संदेश पूरे ब्रह्मांड तक पहुंचना गर्व की बात है. आज देश-विदेश में गीता के श्लोकों की गूंज सुनाई दी, जो भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति की शक्ति को दर्शाता है.

समारोह के अंत में मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र के सभी स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी. इस विशाल आयोजन ने दुनिया को यह संदेश दिया कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए जीवन जीने की प्रेरणा है.

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