हरियाणा को वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए स्कूलों का कायाकल्प किया जाएगा. इस संबंध में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को सभी स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप छात्र और शिक्षकों के अनुपात को सुनिश्चित करते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं. नतीजतन स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए नए सिरे से कार्य योजना तैयार की जा रही है.
इस संबंध में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री द्वारा मौलिक शिक्षा, स्कूल शिक्षा और उच्चतर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की गई. सीएम नायब सिंह सैनी ने बिंदुवार समीक्षा करते हुए स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था करने के लिए व्यापक योजना तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि यदि किसी स्कूल में शिक्षकों की कमी है तो उसे पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि हरियाणा में शिक्षकों की कमी नहीं है, केवल छात्रों की संख्या के अनुरूप शिक्षकों की तनाती की व्यवस्था निश्चित की जानी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों के प्रति जनता में विश्वास जागृत किया जाए, ताकि अधिक से अधिक बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने आएं. सरकार प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप बच्चों को संस्कारवान बनाने और सांस्कृतिक ज्ञान प्रदान करने के लिए आठवीं कक्षा तक गीता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए.
सीएम ने कहा कि बच्चों को ऊर्जावान बनाने के लिए स्कूलों में खेल और स्वच्छता को अनिवार्य किया जाए. साथ ही शिक्षकों का भी कौशल विकास किया जाए, ताकि वे नई पद्धतियों के अनुसार बच्चों को पढ़ा सकें. उन्होंने स्कूलों व कॉलेजों में मूलभूत सुविधाएं जैसे- पेयजल, शौचालय की व्यवस्था व स्वच्छता का पूरा ध्यान रखे जाने के भी निर्देश दिए.
सीएम नायब सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने ब्लॉक स्तर पर मॉडल संस्कृति स्कूल खोले, जो सीबीएसई बोर्ड से एफिलिएटिड हैं. इन स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी मीडियम समेत गणित व विज्ञान की शिक्षा दी जा रही है. इन स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए होड़ लगी है, इसलिए ब्लॉक स्तर पर मॉडल संस्कृति स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाए.
बताया गया कि कक्षा तीन तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मानदंडों को शत प्रतिशत लागू कर दिया गया है और इस वर्ष सातवीं कक्षा तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्ण रूप से लागू कर दिया जाएगा. शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम में बदलाव किए गए हैं और इस शैक्षणिक सत्र में नए पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तकें दी जाएगी. फ्रांस एंबेसी के साथ फ्रेंच भाषा सिखाने के लिए एमओयू करने की योजना पर भी काम जारी है, ताकि बच्चों को स्कूलों में विदेशी भाषा सिखाई जा सके. बैठक में बताया गया कि डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देते हुए 22 कॉलेजों में स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए हैं. जबकि 48 सरकारी कॉलेजों में 83 लैब स्थापित की गई हैं.