रामनगरी में बोले सीएम योगी, जाति और भाषा के आधार पर विभाजित हुए तो धार्मिक स्थलों को भुगतना पड़ेगा खामियाजा

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के पहली वर्षगांठ पर अयोध्या में शनिवार से तीन दिवसीय प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह का आगाज सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया. इस दौरान अंगद टीला के मंच से संबोधन करते हुए कहा कि, आज प्रतिष्ठा द्वादशी के दिन हम लोगों के लिए एक विशेष राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का लक्ष्य निर्धारित करना है. उन्होंने कहा कि यदि जातीयता की खाई चौड़ी होगी क्षेत्र और भाषा पर हम विभाजित होंगे तो इसका खामियाजा सबसे पहले हमारे पूज्य धर्म स्थलों को ही भुगतना पड़ेगा. यही नहीं बहन बेटियों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े, प्रतिष्ठा द्वादशी का ये आयोजन इस नई प्रेरणा के साथ हमें प्रेरित कर रहा है, प्रतिष्ठा द्वादशी हम सबको राष्ट्रीय एकता के लिए आह्वान कर रही है.

सीएम योगी ने कहा 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी आशय का आवाहन किया था कि यदि राम है तो राष्ट्र है और राष्ट्र है तो राम है. योगी ने कहा कि जब श्री राम जन्मभूमि का संपूर्ण परिसर अपने भव्य रूप में आएगा तो सबसे आध्यात्मिक और धार्मिक धाम के रूप में विकसित होकर अयोध्या सनातन धर्म के सभी स्थलों के लिए एक प्रेरणा का केंद्र बनकर उभरेगा. उन्होंने कहा कि एक दो साल क समय और लगेगा इसके बाद अयोध्या दुनिया की सबसे वैभवशाली नगरी के रूप में स्थापित हो जाएगी. उन्होंने कहा अयोध्या का चौमुखी विकास हो रहा है, उन्होंने कहा कि अयोध्या में पुष्पक विमान से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम पहुंचे थे वहां एक एयरपोर्ट भी नहीं था, स्वच्छता के नाम पर दुर्दशा थी और बिजली तो कभी-कभी देखने को ही मिलती थी, जबकि आज सूर्यवंश की राजधानी देश में पहली सोलर सिटी के रूप में स्थापित हो गई है.

वहीं मंच से संबोधन के दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर का मुकदमा 2017 के बाद ही शुरू हो पाया. इसका कारण था कि 18 से 25 हजार पृष्ठों का अंग्रेज़ी अनुवाद कौन करेगा. कोर्ट के सभी दस्तावेज हिंदी में संस्कृत में उर्दू में फारसी में गुरमुखी में फ्रेंच में और अंग्रेजी में था. वहीं सुप्रीम कोर्ट की भाषा सिर्फ अंग्रेजी में था और जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने, सुप्रीम कोर्ट में पेशी हुई तो सरकार के प्रतिनिधि वकील ने कहा कि इन हजारों पेजों का अनुवाद उत्तर प्रदेश सरकार कराएगी और निर्धारित समय में ये प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. यह उसी परिणाम है, नहीं तो आगे क्या होता ये परमात्मा जाने.

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