सीएम की बैठक, कांवड़ यात्रा में कानून व्यवस्था बनाए रखने पर जोर, लापरवाह अफसरों को दी चेतावनी

उत्तराखंड: हरिद्वार में आगामी 11 जुलाई से कांवड़ मेला शुरू होने जा रहा है. इसको लेकर पुलिस-प्रशासन ने अपनी कमर कस रखी है. कांवड़ मेला में सबसे बड़ी चुनौती मौसम बन रहा है. उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण कई इलाकों में आपदा जैसे हालात बने हुए हैं. ऐसे में मंगलवार 8 जुलाई सुबह को सीएम धामी ने कानून-व्यवस्था, कांवड़ यात्रा और आपदा प्रबंधन को लेकर बैठक की.

उत्तराखंड में बीते कई दिनों से बारिश का दौर जारी है. पहाड़ी जिलों में भारी बारिश के कारण आपदा जैसे हालत बने गए हैं. वहीं मैदानी जिलों में नदियों का जल स्तर बढ़ गया है. प्रदेश के ताजा हालात का अपडेट लेने के लिए सीएम धामी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.

सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए हेली एंबुलेंस सेवा की उपलब्धता, महिला सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक बेहतर करने के साथ ही आम जनमानस की शिकायतों के समाधान की प्रगति व ट्रेकिंग की सतत निगरानी की जाए.

यही नहीं सीएम ने सभी विभागीय सचिवों और पुलिस महानिरीक्षकों को अगले तीन दिनों में कांवड़ मेला क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा करने और अपने-अपने विभागों की कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए.

कांवड़ यात्रा के दौरान पिछले सालों में की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए सीएम ने पिछले सालों की चुनौतियों को देखते हुए इस साल बेहतर व्यवस्थाएं करने की बात कही. इस विशाल धार्मिक आयोजन में तोड़फोड़, उपद्रव या अन्य अवांछनीय घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं. शिविर संचालकों, कार्यरत व्यक्तियों, वॉलंटियर और होटल/धर्मशालाओं में ठहरने वाले व्यक्तियों का पूरी तरह से सत्यापन कराया जाए.

सीएम ने सभी प्रमुख स्थलों पर एक्सरे सिस्टम, अग्निशमन यंत्र, फायर टेंडर और कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. साथ ही खाद्य व पेय पदार्थों की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी और जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम करने को कहा.

महिला कांवड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए महिला घाटों और धर्मशालाओं में विशेष पुलिस प्रबंध सुनिश्चित करने को कहा गया. अंतर्राज्यीय समन्वय बढ़ाकर सूचनाओं का तत्काल आदान-प्रदान करने, सोशल मीडिया पर निगरानी रखते हुए अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने और संबंधित पोस्टों का तत्काल खंडन करने के निर्देश दिए.

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